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Government Help to Banks (Pic: Livemint) |
सरकार ने इससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 में पब्लिक सेक्टर के बैंकों में 65,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की थी. इसमें से 23,000 करोड़ रुपये की राशि बैंकों को दी जा चुकी है, 42,000 करोड़ रुपये अभी बैंकों को मिलने हैं.
वित्त मंत्री ने कहा था कि रिकैपिटलाइजेशन से जहां सरकारी बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी वहीं इससे उन्हें रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा से बाहर आने में भी मदद मिलेगी. बता दें कि पब्लिक सेक्टर के 21 बैंकों में से 11 रिजर्व बैंक की पीसीए रूपरेखा के तहत आते हैं.
बताते चलें कि पीसीए के तहत बैंकों से कुछ रिस्की गतिविधियों से परहेज करने, कामकाजी दक्षता बढ़ाने और पूंजी की हिफाजत पर जोर देने के लिए कहा जाता है. जिन पब्लिक सेक्टर के 11 बैंक इस दायरे में हैं वो इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक आफ इंडिया, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियंटल बैंक आफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र हैं.
News Courtesy: AajTak